
चेतावनी: इस कहानी के कुछ अंश विचलित कर सकते हैं। सोच समझकर पढ़ें।
खपड़िया बाबा ने एक आख़िरी मंत्र पढ़ा और उस खून मिले पानी से उस साधु के कटे सर पर एक तिलक लगाया। और फिर, मामा जी ने असम्भव को सम्भव होते देखा।
चेतावनी: इस कहानी के कुछ अंश विचलित कर सकते हैं। सोच समझकर पढ़ें।
खपड़िया बाबा ने एक आख़िरी मंत्र पढ़ा और उस खून मिले पानी से उस साधु के कटे सर पर एक तिलक लगाया। और फिर, मामा जी ने असम्भव को सम्भव होते देखा।